अपना गर्भ किराये मे देकर कैसे लाखौं रुपैया कमाए ? || Surrogacy se Kaise Paise Kamaye

अपना गर्भ किराये मे देकर कैसे लाखौं रुपैया कमाए?

सरोगेसी क्या है?



सरोगेसी की परिभाषा

सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला (सरोगेट) किसी अन्य व्यक्ति या दंपत्ति के लिए गर्भ धारण करती है और बच्चा जन्म देती है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उन दंपत्तियों की सहायता करना है जो स्वयं बच्चे को जन्म नहीं दे सकते।

सरोगेसी के प्रकार

  1. जेस्टेशनल सरोगेसी: इसमें सरोगेट के गर्भ में दंपत्ति के अंडाणु और शुक्राणु से बना भ्रूण प्रत्यारोपित किया जाता है।
  2. ट्रेडिशनल सरोगेसी: इसमें सरोगेट स्वयं का अंडाणु और दंपत्ति के शुक्राणु का उपयोग कर गर्भ धारण करती है।

सरोगेसी का इतिहास और महत्व

प्राचीन काल में सरोगेसी

सरोगेसी का उल्लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथों और साहित्य में भी मिलता है, जहाँ इसे दंपत्ति के लिए वरदान के रूप में देखा गया।

आधुनिक युग में सरोगेसी

आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा के विकास के साथ, सरोगेसी अब एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प बन गई है, जो बहुत से दंपत्तियों को संतान सुख प्रदान कर रही है।

कानूनी पक्ष और प्रक्रियाएँ

भारत में सरोगेसी के कानून

भारत में सरोगेसी के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, जो सरोगेट और इच्छुक माता-पिता दोनों के हितों की रक्षा करते हैं।

सरोगेसी अनुबंध

इसमें सरोगेट और इच्छुक माता-पिता के बीच एक कानूनी अनुबंध होता है, जिसमें सभी शर्तें और नियम स्पष्ट होते हैं।

सरोगेट बनने की पात्रता

आयु और स्वास्थ्य

सरोगेट बनने के लिए महिला की आयु 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसका स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए।

मानसिक स्थिति

सरोगेट बनने के लिए मानसिक रूप से भी स्थिर होना आवश्यक है।

सरोगेट बनने की प्रक्रिया

प्रारंभिक जाँच और स्वास्थ्य परीक्षण

सरोगेट बनने से पहले सभी आवश्यक चिकित्सा परीक्षण किए जाते हैं।

हॉर्मोनल तैयारी

इसमें सरोगेट को विशेष हॉर्मोनल उपचार दिया जाता है जिससे उसका गर्भाशय भ्रूण को धारण करने के लिए तैयार हो सके।

भ्रूण प्रत्यारोपण

जेस्टेशनल सरोगेसी में भ्रूण प्रत्यारोपित किया जाता है और ट्रेडिशनल सरोगेसी में शुक्राणु को अंडाणु से मिलाया जाता है।

आर्थिक लाभ और भुगतान

भुगतान की संरचना

सरोगेट को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद विभिन्न चरणों में भुगतान किया जाता है।

लाभ और अतिरिक्त प्रोत्साहन

सरोगेट को विभिन्न प्रकार के आर्थिक लाभ और प्रोत्साहन भी दिए जाते हैं, जैसे स्वास्थ्य बीमा और अन्य खर्चों की भरपाई।

सरोगेसी के फायदे और चुनौतियाँ

सरोगेट के लिए फायदे

यह एक महिला के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकता है, साथ ही वह किसी अन्य दंपत्ति की मदद कर रही होती है।

चुनौतियाँ और समस्याएँ

सरोगेट के लिए गर्भधारण और बच्चे को जन्म देना शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

सरोगेसी के नैतिक मुद्दे

सामाजिक दृष्टिकोण

कई लोग सरोगेसी को नैतिक दृष्टिकोण से सही मानते हैं, जबकि कुछ इसके विरोध में हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण

विभिन्न धर्मों का सरोगेसी पर अलग-अलग दृष्टिकोण है, जिसमें कुछ इसे स्वीकार करते हैं और कुछ इसका विरोध करते हैं।

सरोगेट का समर्थन नेटवर्क

परिवार और मित्रों का समर्थन

सरोगेट के लिए अपने परिवार और मित्रों का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है।

सहायता समूह और परामर्श सेवाएँ

सरोगेट को विभिन्न सहायता समूह और परामर्श सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं, जो उसे मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करती हैं।

सरोगेसी के बाद का जीवन

स्वास्थ्य देखभाल

बच्चे के जन्म के बाद सरोगेट की स्वास्थ्य देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है।

भावनात्मक समर्थन

सरोगेट को भावनात्मक समर्थन की भी आवश्यकता होती है ताकि वह सामान्य जीवन में वापस आ सके।

सरोगेसी की सफल कहानियाँ

प्रेरणादायक उदाहरण

कई महिलाएं सरोगेट बनकर आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं और उनकी कहानियाँ अन्य महिलाओं को प्रेरणा देती हैं।

सकारात्मक परिणाम

सरोगेसी से प्राप्त होने वाले सकारात्मक परिणामों से यह प्रक्रिया और अधिक लोकप्रिय हो रही है।

सरोगेसी की भविष्य की दिशा

वैज्ञानिक प्रगति

सरोगेसी के क्षेत्र में हो रही वैज्ञानिक प्रगति इस प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बना रही है।

कानूनी और सामाजिक बदलाव

सरोगेसी के कानूनों और सामाजिक दृष्टिकोण में भी बदलाव आ रहे हैं, जो इसे और अधिक स्वीकार्य बना रहे हैं।

निष्कर्ष

सरोगेसी एक ऐसा विकल्प है जो न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकता है बल्कि किसी दंपत्ति को संतान सुख देने का अद्भुत अनुभव भी प्रदान कर सकता है। इसके लिए सही जानकारी और समर्थन की आवश्यकता होती है, ताकि सरोगेट और इच्छुक माता-पिता दोनों का अनुभव सकारात्मक हो सके।

FAQs

  1. क्या सरोगेसी सुरक्षित है? हां, उचित चिकित्सा देखरेख और कानूनी प्रक्रिया के तहत सरोगेसी सुरक्षित होती है।

  2. सरोगेट बनने के लिए क्या आवश्यक है? सरोगेट बनने के लिए स्वास्थ्य, आयु और मानसिक स्थिरता महत्वपूर्ण होती है।

  3. सरोगेट को कितना भुगतान मिलता है? भुगतान की राशि विभिन्न चरणों में होती है और इसमें स्वास्थ्य बीमा और अन्य खर्च भी शामिल होते हैं।

  4. सरोगेसी के नैतिक मुद्दे क्या हैं? नैतिक मुद्दे समाज और धर्म के दृष्टिकोण से भिन्न हो सकते हैं।

  5. क्या सरोगेट बनने के बाद सामान्य जीवन में वापस आना संभव है? हां, उचित स्वास्थ्य देखभाल और भावनात्मक समर्थन से सरोगेट सामान्य जीवन में वापस आ सकती है।


गर्भ किराये मे देकर कितना पैसा कमाया जा सकता है?

सरोगेसी से होने वाली आय का अवलोकन

सरोगेसी की प्रक्रिया और इसके आर्थिक लाभ

सरोगेसी की प्रक्रिया के अंतर्गत, एक महिला (सरोगेट) किसी अन्य दंपत्ति या व्यक्ति के लिए गर्भ धारण करती है और बच्चे को जन्म देती है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो स्वयं संतान सुख प्राप्त नहीं कर सकते। इसके बदले सरोगेट को आर्थिक रूप से लाभ होता है।

सरोगेसी के लिए भुगतान की संरचना

प्रारंभिक शुल्क

सरोगेट को सरोगेसी की प्रक्रिया शुरू करने के पहले ही कुछ प्रारंभिक शुल्क का भुगतान किया जाता है। इसमें चिकित्सा परीक्षण, कानूनी परामर्श, और अनुबंध की तैयारी शामिल होती है।

गर्भावस्था के दौरान मासिक भुगतान

गर्भधारण के बाद, सरोगेट को हर महीने एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। यह राशि सरोगेट की देखभाल और स्वस्थ्य रहने के लिए होती है।

बच्चे के जन्म के बाद अंतिम भुगतान

बच्चे के सफल जन्म के बाद, सरोगेट को एक बड़ा अंतिम भुगतान किया जाता है। यह राशि पूरे अनुबंध की कुल राशि का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।

सरोगेसी के विभिन्न प्रकार और उनके भुगतान

जेस्टेशनल सरोगेसी

इसमें सरोगेट केवल गर्भ धारण करती है, और बच्चे का जैविक संबंध माता-पिता से होता है। जेस्टेशनल सरोगेसी के लिए भुगतान अधिक होता है क्योंकि इसमें चिकित्सा प्रक्रिया जटिल होती है।

ट्रेडिशनल सरोगेसी

इसमें सरोगेट का जैविक संबंध बच्चे से होता है। ट्रेडिशनल सरोगेसी के लिए भी अच्छा खासा भुगतान किया जाता है, हालांकि यह जेस्टेशनल सरोगेसी से थोड़ा कम हो सकता है।

भारत में सरोगेसी का भुगतान

आर्थिक लाभ

भारत में सरोगेट को 5 लाख से 15 लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है। यह राशि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे सरोगेट का अनुभव, स्वास्थ्य, और अनुबंध की शर्तें।

अन्य लाभ

सरोगेट को स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा खर्च, यात्रा खर्च, और अन्य संबंधित खर्चों की भरपाई भी की जाती है।

सरोगेट बनने की प्रक्रिया

चिकित्सा परीक्षण और परामर्श

सरोगेट बनने के लिए सबसे पहले सभी आवश्यक चिकित्सा परीक्षण और परामर्श किया जाता है।

अनुबंध की तैयारी

सरोगेट और इच्छुक माता-पिता के बीच एक कानूनी अनुबंध तैयार किया जाता है जिसमें सभी शर्तें और नियम स्पष्ट होते हैं।

गर्भधारण की प्रक्रिया

इसके बाद, सरोगेट के गर्भ में भ्रूण प्रत्यारोपित किया जाता है और गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू होती है।

सरोगेसी के फायदे और चुनौतियाँ

फायदे

  1. आर्थिक लाभ: सरोगेट को अच्छा खासा भुगतान मिलता है।
  2. सामाजिक सेवा: सरोगेट किसी अन्य दंपत्ति की मदद करके समाज में योगदान करती है।

चुनौतियाँ

  1. शारीरिक चुनौतियाँ: गर्भधारण और बच्चे को जन्म देना शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  2. मानसिक चुनौतियाँ: सरोगेट को भावनात्मक रूप से भी तैयार रहना पड़ता है।

निष्कर्ष

सरोगेसी एक ऐसा विकल्प है जो न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकता है बल्कि किसी दंपत्ति को संतान सुख देने का अद्भुत अनुभव भी प्रदान कर सकता है। इसके लिए सही जानकारी और समर्थन की आवश्यकता होती है, ताकि सरोगेट और इच्छुक माता-पिता दोनों का अनुभव सकारात्मक हो सके।

FAQs

  1. क्या सरोगेसी सुरक्षित है? हां, उचित चिकित्सा देखरेख और कानूनी प्रक्रिया के तहत सरोगेसी सुरक्षित होती है।

  2. सरोगेट बनने के लिए क्या आवश्यक है? सरोगेट बनने के लिए स्वास्थ्य, आयु और मानसिक स्थिरता महत्वपूर्ण होती है।

  3. सरोगेट को कितना भुगतान मिलता है? भुगतान की राशि विभिन्न चरणों में होती है और इसमें स्वास्थ्य बीमा और अन्य खर्च भी शामिल होते हैं।

  4. सरोगेसी के नैतिक मुद्दे क्या हैं? नैतिक मुद्दे समाज और धर्म के दृष्टिकोण से भिन्न हो सकते हैं।

  5. क्या सरोगेट बनने के बाद सामान्य जीवन में वापस आना संभव है? हां, उचित स्वास्थ्य देखभाल और भावनात्मक समर्थन से सरोगेट सामान्य जीवन में वापस आ सकती है।

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